मंदिर की स्थापना: तिरुपति बालाजी का मंदिर लगभग 1000 साल पुराना है, और इसे 9वीं शताब्दी में स्थापित किया गया था।

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विष्णु का अवतार: भगवान बालाजी को भगवान विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है, जो अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करते हैं।

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सालाना दान: तिरुपति मंदिर दुनिया का सबसे धनी मंदिर है, जिसमें हर साल लगभग 500 करोड़ रुपये से अधिक का दान मिलता है।

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मंदिर का निर्माण: तिरुपति मंदिर का निर्माण मुख्य रूप से काले चूना पत्थर से किया गया है, जो इसे एक विशेष रंग और आकर्षण देता है।

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रूढ़ियाँ और परंपराएं: भक्त अपने सिर के बालों को काटकर भगवान को अर्पित करते हैं, जिसे "काकट" कहा जाता है।

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अद्भुत प्रसाद: तिरुपति का "लड्डू" प्रसाद इतना प्रसिद्ध है कि यह केवल मंदिर में ही नहीं, बल्कि पूरे भारत में बेचा जाता है।

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विशेष पूजा: हर दिन सुबह और शाम मंदिर में विशेष पूजा आयोजित की जाती है, जिसमें भक्तों की लाखों संख्या शामिल होती है।

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कोरोना काल में सेवा: महामारी के दौरान, मंदिर ने हजारों लोगों को मुफ्त भोजन और चिकित्सा सेवा प्रदान की।

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संगीत और नृत्य: तिरुपति में हर साल विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों में भक्तों द्वारा संगीत और नृत्य प्रस्तुत किए जाते हैं। 

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धार्मिक महत्व: तिरुपति का स्थान हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल माना जाता है, जहाँ लाखों भक्त अपनी आस्था जताने आते हैं।

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